Bhringraj, Eclipta alba, Keshraj





Bhringraj Eclipta alba Keshraj

भृंगराज (Eclipta alba), जिसे 'केशराज' और 'माका' के नाम से भी जाना जाता है, वास्तव में भृंगराज (एक्लीप्टा अल्बा) एक जड़ी बूटी है, महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक औषधि है। यह पौधा मुख्यतः भारत, चीन, नेपाल और ब्राजील में पाया जाता है। भृंगराज के पौधे के पत्ते, तना और जड़ सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमाइक्रोबियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह बालों की समस्याओं, त्वचा विकारों, जिगर और पेट की बीमारियों के इलाज में उपयोगी होता है। भृंगराज की तासीर ठंडी होती हैं इसलिए सर्दी-जुकाम से पीड़ित व्यक्ति को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।



भृंगराज का रस त्वचा को फिर से जीवंत करता है और इस तरह अपने एंटी-एजिंग गुण के कारण महीन रेखाओं, झुर्रियों और रूखी त्वचा जैसे उम्र बढ़ने के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।

भृंगराज के उपयोग:

भृंगराज के बालों के लिए उपयोग:
बालों का विकास :

भृंगराज तेल बालों की जड़ों को पोषण देकर बालों के विकास को प्रोत्साहित करता है। इसे नियमित रूप से सिर की त्वचा पर मालिश करने से बालों की ग्रोथ बढ़ती है।

बालों का सफेद होना रोकना::

भृंगराज बालों के प्राकृतिक रंग को बनाए रखने में मदद करता है। इसका नियमित उपयोग बालों को समय से पहले सफेद होने से रोकता है।

डैंड्रफ से राहत:

भृंगराज तेल सिर की त्वचा को हाइड्रेट करता है और डैंड्रफ की समस्या को कम करता है। यह सिर की खुजली और फंगल इन्फेक्शन को भी दूर करता है।

बालों की जड़ों को मजबूत बनाना:

भृंगराज बालों की जड़ों को मजबूत बनाता है, जिससे बाल टूटने और झड़ने की समस्या कम होती है।

बालों को चमकदार बनाना:

भृंगराज के उपयोग से बाल चमकदार और स्वस्थ बनते हैं। यह बालों की प्राकृतिक चमक को बढ़ाता है और उन्हें सुन्दर बनाता है।



बालों का मोटा होना:

भृंगराज बालों को घना और मोटा बनाता है। इसके नियमित उपयोग से बालों का घनत्व बढ़ता है और बाल पतले नहीं होते।

स्कैल्प का स्वास्थ्य सुधारना:

भृंगराज स्कैल्प के स्वास्थ्य को सुधारता है। यह स्कैल्प में रक्त संचार को बढ़ाता है और पोषण प्रदान करता है, जिससे बालों की जड़ें स्वस्थ रहती हैं।

बालों का टूटना कम करना:

भृंगराज तेल बालों की नमी बनाए रखता है और उन्हें टूटने से बचाता है। यह बालों को मजबूत और लचीला बनाता है।

फ्रिजी बालों को कम करना:

भृंगराज तेल का नियमित उपयोग बालों को मुलायम और मैनेजेबल बनाता है। यह फ्रिजी बालों को कम करके उन्हें सॉफ्ट बनाता है।

बालों में नैचुरल कंडीशनर का काम करना:

भृंगराज बालों के लिए नैचुरल कंडीशनर का काम करता है। यह बालों को नमी प्रदान करता है और उन्हें स्वस्थ और सुंदर बनाता है।

जिगर की बीमारी:
भृंगराज का सेवन जिगर की बीमारियों जैसे हेपेटाइटिस और जॉन्डिस के इलाज में सहायक होता है। यह जिगर की कार्यक्षमता को सुधारता है।

पाचन में सुधार: भृंगराज के पत्तों का रस पाचन क्रिया को सुधारता है और कब्ज, गैस तथा एसिडिटी से राहत दिलाता है।

त्वचा की देखभाल: भृंगराज के पत्तों का पेस्ट त्वचा पर लगाने से एक्जिमा, फोड़े-फुंसियों और त्वचा के अन्य संक्रमणों में राहत मिलती है।

दांत दर्द: भृंगराज के पत्तों का रस दांत दर्द में राहत प्रदान करता है। इसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से दर्द कम होता है।

सिरदर्द: भृंगराज के पत्तों का पेस्ट माथे पर लगाने से सिरदर्द में राहत मिलती है।

मधुमेह नियंत्रण: भृंगराज के पत्तों का रस मधुमेह के मरीजों के लिए लाभकारी होता है। यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है।

यकृत की सुरक्षा: भृंगराज का सेवन यकृत की बीमारियों जैसे फैटी लिवर और सर्कोसिस के इलाज में सहायक होता है।

प्रतिरक्षा प्रणाली: भृंगराज प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और शरीर को बीमारियों से बचाने में मदद करता है।

रक्त संचार: भृंगराज रक्त संचार को सुधारता है और रक्त में हेमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाता है।

भृंगराज के नुकसान:

अत्यधिक सेवन: भृंगराज का अत्यधिक सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याएं जैसे पेट दर्द, दस्त और उल्टी हो सकती है।

एलर्जी: कुछ लोगों में भृंगराज के उपयोग से त्वचा पर एलर्जी या खुजली हो सकती है।

रक्तचाप: यह रक्तचाप को कम कर सकता है, जिससे लो ब्लड प्रेशर के मरीजों को समस्या हो सकती है।

लिवर की समस्याएं: अत्यधिक भृंगराज का सेवन लिवर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

दवाईयों के साथ प्रतिक्रिया: भृंगराज का सेवन कुछ दवाईयों के साथ मिलाकर करने से दवाईयों की प्रभावशीलता कम हो सकती है।

सिरदर्द: कुछ लोगों को भृंगराज का सेवन करने से सिरदर्द हो सकता है।

अनिद्रा: भृंगराज का अत्यधिक सेवन अनिद्रा की समस्या पैदा कर सकता है।

गैस्ट्रिक समस्याएं:
इसका अधिक मात्रा में सेवन गैस्ट्रिक समस्याएं उत्पन्न कर सकता है, जिससे पेट में गैस और एसिडिटी बढ़ सकती है।

भृंगराज का सेवन करते समय संतुलित मात्रा और विशेषज्ञ की सलाह का पालन करना महत्वपूर्ण है, ताकि इसके लाभों का पूरा फायदा उठाया जा सके और इसके संभावित नुकसान से बचा जा सके।

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