यष्टिमधु, licorice root , मुलहठी या मुलेठी एक झाड़ीनुमा पौधा होता है। मुलहठी नाम से प्रचलित अंग इस वृक्ष की जड़ के टुकड़े का नाम है। असली मुलहठी अन्दर से पीली, रेशेदार व हल्की गंध वाली होती है। इसमें मिलावट बहुत पायी जाती है। मुख्य मिलावट मचूरियन मुलहठी की होती है। इसका प्रधान घटक ग्लिसराइज़िन होता है जिसके कारण यह मीठे स्वाद की होती है, जो ग्लिसराइज़िक एसिड के रूप में विद्यमान होता है। यह साधारण शक्कर से भी 50 गुना अधिक मीठा होता है।
मुलेठी (Licorice Root) पोषण तत्व:
मुलेठी जिसे अपने विशेष स्वाद और पोषणीय गुणों के लिए पहचाना जाता है।
1. विटामिन और खनिज:
मुलेठी में विभिन्न प्रकार के विटामिन और खनिजों की भरपूर मात्रा होती है। इसमें विटामिन बी, विटामिन ई, पोटैशियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, और कैल्शियम शामिल होते हैं जो स्वस्थ जीवन जीने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
2. एंटीऑक्सीडेंट्स:
मुलेठी में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर को मुक्त करने में मदद कर सकते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट्स रजों को नष्ट करके शरीर को रोगों से बचाने में मदद कर सकते हैं।
3. एंटी-इन्फ्लैमेटरी गुण:
मुलेठी में मौजूद एंटी-इन्फ्लैमेटरी गुणों की वजह से यह शरीर के सूजन और दर्द को कम करने के लिए जानी जाती है।
4. मुख स्वास्थ्य:
मुलेठी का सेवन मुख स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण और लार की अच्छी मात्रा के कारण, यह मुख में मौजूद की गई बैक्टीरिया को कम करने में मदद कर सकती है।
5. हृदय स्वास्थ्य:
मुलेठी में मौजूद ग्लाइसाइरहाइजिनिक एसिड की वजह से यह हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकती है। यह रक्तचाप को संतुलित करने में भी सहारा प्रदान कर सकती है।
मुलेठी की औषधीय गुणधर्म:
मुलेठी जिसके आयुर्वेदिक और चीनी चिकित्सा में विभिन्न रोगों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यहां, हम मुलेठी की औषधीय गुणधर्मों को जानेगे।
1. श्वासरोग निवारक:
मुलेठी में मौजूद अनेक औषधीय गुणों में से एक है श्वासरोग निवारक गुण। यह श्वास, छाती में जलन, और फेफड़ों की समस्याओं को कम करने में सहायक हो सकता है।
2. शीतल:
मुलेठी को शीतल गुणों से भरपूर माना जाता है जिससे यह शरीर को ठंडक पहुंचाने और शीतल करने में मदद कर सकती है।
3. आंतरिक शांति:
मुलेठी में पाये जाने वाले गुण मानसिक स्थिति में सुधार के लिए भी फायदेमंद हो सकते हैं। यह तनाव को कम करने और मानसिक स्थिति में सुधार करने में मदद कर सकता है।
4. आंत्र-संरक्षण:
मुलेठी का सेवन आंत्र-संरक्षण में सहायक हो सकता है। इसमें मौजूद ग्लाइसाइरेटिनिक एसिड का उपयोग आंत्र की रक्षा करने और यहां होने वाली समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है।
5. शरीर की सफाई:
मुलेठी में मौजूद गुण शरीर की सफाई में मदद कर सकते हैं, विशेषकर श्वासनली और मूत्रमार्ग को साफ रखने में। इसके ठंडक के कारण, यह शरीर की गंदगी को बाहर निकालने में सहायक हो सकता है।
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मुलेठी के उपयोग:
मुलेठी एक औषधीय जड़ी-बूटी है जो विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के लिए जानी जाती है। यहां हम मुलाठी उपयोगों को जानेगे।
. सूखी खांसी का उपचार:
मुलेठी में मौजूद औषधीय गुणों की वजह से यह सूखी खांसी को कम करने में मदद कर सकता है।
. थकावट दूर करना:
इसका सेवन थकावट को दूर करने में सहायक हो सकता है और शरीर को ताजगी प्रदान कर सकता है।
. पेट के रोगों का उपचार:
मुलेठी पेट संबंधित समस्याओं में भी फायदेमंद हो सकता है, जैसे कि एसिडिटी और गैस्ट्राइटिस।
. मुँह की समस्याओं का समाधान:
मुलेठी का चुरन सुजन, मुँह की खराबी, और मुँह के छालों के इलाज में मदद कर सकता है।
. कफ और नाक बहने का उपचार:
इसे उपयोग करके सर्दी जुकाम में बहुत सारे लाभ हो सकते हैं, जैसे कि कफ और नाक से राहत।
. स्वस्थ त्वचा:
मुलेठी का नियमित सेवन करने से त्वचा को ग्लो करने में मदद मिल सकती है और दाग-धब्बों को कम कर सकती है।
.बच्चों की सुरक्षा:
मुलेठी को बच्चों के स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित माना जाता है, और इसे उनकी सुरक्षा के लिए उपयोग किया जा सकता है।
. वजन कम करने में सहायक:
मुलेठी का सेवन करके वजन कम करने में मदद मिल सकती है, क्योंकि यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने में सहायक हो सकता है।
. गले की खराबी का इलाज:
मुलेठी का सेवन गले संबंधित समस्याओं में भी लाभकारी हो सकता है, जैसे कि खराश और गले की खराबी।
. रक्तचाप को संतुलित करना:
इसमें मौजूद ग्लाइसीरीजिन के कारण यह रक्तचाप को संतुलित करने में मदद कर सकता है।
. बालों की सेहत:
इसका तेल बालों की सेहत को बनाए रखने में मदद कर सकता है और बालों को मजबूती प्रदान कर सकता है।
. गुर्दे की समस्याओं में सहायक:
मुलेठी का सेवन गुर्दे संबंधित समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है।
. तंतु और शिकायतों का इलाज:
मुलेठी का उपयोग तंतु संबंधित समस्याओं और शिकायतों के इलाज में किया जा सकता है।
. मसूड़ों की समस्याओं का इलाज:
मुलेठी का उपयोग मसूड़ों की समस्याओं, जैसे कि मसूड़ों की सूजन और दर्द में किया जा सकता है।
. श्वास-रोगों से बचाव:
मुलेठी का सेवन श्वास-रोगों से बचने में मदद कर सकता है और श्वास-मार्ग को स्वस्थ रख सकता है। यह श्वास-रोगों जैसे कि ब्रोंशाइटिस और एस्थमा में सहायक हो सकता है।
. तनाव कम करना:
इसके संतुलित सेवन से मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद मिल सकती है और तनाव को कम कर सकती है।
मुलेठी तेल का उपयोग: स्वास्थ्य के लाभ
मुलेठी का तेल, जिसे लाइकरिस रूट आयल कहा जाता है, भी आयुर्वेदिक चिकित्सा में विभिन्न उपयोगों के लिए प्रचलित है। यह तेल विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के लिए जाना जाता है
1. श्वास रोगों में सहारा: मुलेठी तेल का उपयोग श्वास रोगों के इलाज में किया जा सकता है। इसमें मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण श्वास रोगों की स्थिति में आराम प्रदान कर सकते हैं और सांस की समस्याओं को कम करने में मदद कर सकते हैं।
2. चर्म स्वास्थ्य के लाभ: मुलेठी तेल का उपयोग त्वचा के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए किया जा सकता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा को बचाव करने में मदद कर सकते हैं और चर्म को स्वस्थ और चमकदार बनाए रख सकते हैं।
3. श्वास संबंधित इंफेक्शनों में सहारा: मुलेठी तेल में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जिससे श्वास संबंधित इंफेक्शनों के खिलाफ लड़ने में मदद मिलती है। इसका नियमित उपयोग सांस के माध्यम से होने वाली इंफेक्शन को कम करने में सहायक हो सकता है।
4. शिथिलता और तनाव में कमी: मुलेठी तेल का आरामदायक असर होता है, जिससे यह तनाव को कम करने और मानसिक शांति बनाए रखने में मदद कर सकता है। इसे मासाज तेल के रूप में उपयोग करके शरीर की मासिक धारा को भी संतुलित किया जा सकता है।
5. मुँह की समस्याओं का इलाज: मुलेठी तेल का उपयोग मुँह की समस्याओं के इलाज में किया जा सकता है। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण मुँह में बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकने में मदद कर सकते हैं और मुँह की सुरक्षा में सहारा प्रदान कर सकते हैं।
मुलेठी तेल का उपयोग करने से पहले, यह सुनिश्चित करें कि आपने इसकी सही मात्रा और उपयोग की विधि का पालन किया है।
मुलेठी: नुकसान और सावधानियाँ
1. उच्च रक्तचाप:
मुलेठी का सेवन करने से पहले, व्यक्ति को अगर उच्च रक्तचाप की समस्या है, तो उसे डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। इसमें मौजूद ग्लाइसीरीजिन नामक एक तत्व के कारण यह रक्तचाप बढ़ा सकता है, जिससे हानिकारक हो सकता है।
2. शरीर के पोटैशियम स्तर को बढ़ावा:
मुलेठी में मौजूद एक अन्य तत्व ग्लाब्रिडिन नामक है, जिसके कारण शरीर के पोटैशियम स्तर में बढ़ावा हो सकता है। यदि किसी के पास पोटैशियम की अधिशेषता है, तो इससे उन्हें किडनी से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।
3. हॉर्मोनल बदलाव:
मुलेठी का अधिक सेवन करने से शरीर के हॉर्मोनल स्तर में बदलाव हो सकता है। यह खासकर महिलाओं के लिए प्रभावी हो सकता है और गर्भधारण में परेशानी पैदा कर सकता है। इसलिए, गर्भधारण स्थिति में रहने वाली महिलाओं को इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
4. शिशुओं के लिए असुरक्षित:
गर्भवती महिलाओं को मुलेठी से दूर रहना चाहिए, क्योंकि इसमें मौजूद कुछ तत्व हानिकारक हो सकते हैं। यह शिशु के लिए नुकसानकारी हो सकता है और उनके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
5. अलर्जिक प्रतिक्रिया:
कुछ लोग मुलेठी के प्रति अलर्जिक हो सकते हैं। इसलिए, इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से मार्गदर्शन प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।
मुलेठी का सेवन करने से पहले, व्यक्ति को डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए, खासकर जब वह किसी रोग या दवा के अधीन हों।
निष्कर्ष:
मुलेठी, एक पौष्टिक औषधि है जो कई सारे स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध है। मुलेठी के औषधीय गुणों का सेवन बड़े प्रमाण में किया जा सकता है, हालांकि, इसमें कुछ नुकसान भी हो सकते हैं जो व्यक्ति को ध्यान में रखने चाहिए। मुलेठी को आपके व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर एक चिकित्सक की सलाह पर उपयोग करें, ताकि आप इसके लाभान्वित हो सकें। यह जानकारी केवल सामान्य सूचना के रूप में है।
लेख पढने के लिए धन्यवाद ।
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